रात
भर हड़-हड़-खड़-खड़ मेट्रो चलती
खचा-खच
भरी ट्राम खरासती
टैक्सियाँ
पों –पों करती,
बसें
और कारें सरकती ।
रात
भर दर्शनार्थियों का अंत हीन रेला चलता
जग
मग रोशनी में पंडाल जगमगाता
जागरण
करता सारा कोलकाता ।
यहाँ
पंडाल , वहाँ पंडाल
इस
गली में , उस गली में
इस
सड़क पर , उस सड़क पर
इस
क्लब में , उस क्लब में ।
एक –
से – एक कारीगरी , एक – से – एक सजावट
सब हैं
सुसज्जित सब हैं व्यवस्थित
एक –
से – एक आइडियाज़
कहीं
विनाश , कहीं विकास
कहीं
संस्कृति , कहीं इतिहास
कहीं
कराहती मानवता
ये पंडाल
सबको निरूपित करता ।
अनवरत
धप – धप – धाप
हृदय
दलमलित करता ढाक ।
कोई
नाचता , कोई थिरकता
माँ
के चरणों के नीचे दीप लहराता
धूप –
अगरबत्तियों के धूएँ की मोटी रेखा
घड़ी –
घंट की टन-टन-टन की आवाज़
शंख –
ध्वनि की हूंकार से आगाज ।
जयंति
मंगला काली भद्र काली
...........स्वाहा
स्वधा नमोस्तुते
सर्व
मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके
..........गौरी
नारायणि नमोस्तुते ।
वीरेंद्र
कृष्ण भद्र की ओजस्वी चंडी पाठ - कथा
नवमी
पर्यन्त अपरिवर्त्तित यही रात्रि कालीन गाथा ।
माँ का
तेजोमय मुख , अस्त्र –शस्त्र से सज्जित अष्ट भुजा
खड्ग
चक्र वाण गदा पुष्प बरछी और विजयी ध्वजा
लहराती
केश राशि , चकाचौंध परिधान से मंडित
पुष्प
– मालाओं और आभूषणों से आच्छादित
गणेश
कार्तिक लक्ष्मी और सरस्वती से समर्थित
शेर की
दहाड़ से विचलित असंतुलित
महिषासुर
की रक्तिम आँखें , शोणितमय वेधित छाती ।
पुष्प
वृष्टि करते बच्चे युवा वृद्ध नर – नारी ।
पूजा
में कोलकाता का ये दृश्य मनोहारी ।
नव
रात्रि का तब होता अवसान
फिर
गंगा – घाट पर विसर्जन विहान ।
महिलाओं
की उलूक – ध्वनि का गुंजन
सिंदूर
– खेला और अवीर – मर्दन ।
धप –
धप – धप – धाप – धाप
निर्बाध
धप – धप – धाप ढाक ।
उद्वेलित
करता उद्घोष ‘दुर्गा माँ की जय ’
नौका
हाथी डोली पे सवार माँ की विदाई
माँ आबार
आसबेन आबार एसो माँ गो
जाच्छो
छेड़े एइ भावे केनो
अश्रु
– नीर से सराबोर दादा दीदी भाय
गंगा
की धार में जब माँ जाती समाय ।
और फिर
एक फुसफुसाहटी मंत्रणा
अगली
पूजा का थीम क्या होगा ?
अति शीघ्र
एक टा मीटिंग डाका हबे
जखन एर
उपरे विचार हबे ।
और फिर
अगली पूजा की तैयारी
थोड़ी
– थोड़ी ही सही पर हो जाती जारी ।
माँ के
फिर आने की इंतजारी
पूरे
साल तक चलेगी ये बेकरारी ।
आबार
आसबेन माँ क्योंकि माँ के ऊपर
है हमारी
सुरक्षा की पूरी जिम्मेवारी ।
अमर नाथ
ठाकुर , 6 अक्तूबर , 2014 , कोलकाता
।