मेरा मित्र मुझे ब्राह्मण कहने लगा है
मेरा मित्र मुझे अब ब्राह्मण कहने लगा है
और अब मुझसे कट-कट कर रहने लगा है ।
मेरा मित्र कायस्थ क्षत्रिय भूमिहार पर बरसने लगा है
ब्राह्मण बनियों जैनियों पर कटाक्ष करने लगा है
और इन्हें अगड़ी कहकर पुकारने लगा है ।
वह पिछड़ी को भेदभाव का शिकार कहने लगा है
दलितों पर हो रहे अत्याचार पर लिखने लगा है
मेरा मित्र मुझसे कट-कट कर रहने लगा है ।
मेरा मित्र मुझे अब ब्राह्मण कहने लगा है ।
वह कहता है, तुम अगड़ी जाति से हो
तुम सिर्फ पन्द्रह प्रतिशत वाली प्रजाति हो
कब्जा तुमने पचासी प्रतिशत सम्पत्ति और नौकरी पर कर लिये हुए हो
इसलिये मेरा मित्र हमें अब सवर्ण कहकर पुकारने लगा है
मेरा मित्र हमें घूर-घूर कर देखने लगा है
मेरा मित्र मुझे अब ब्राह्मण कहने लगा है ।
हम जातिवादी हैं हम मनुवादी हैं
हमने शताब्दियों से पिछड़ों को सताया है
युगों से दलितों पर अत्याचार बरपाया है
उनके अधिकारों को बेरहमी से छीना है
उनको निकृष्ट जीवन जीने पर विवश किया है
वह कहता है ये अब उन्हें पता चल गया है
इसलिये मेरा मित्र अब मुझसे कट-कट कर रहने लगा है
मेरा मित्र मुझे अब ब्राह्मण कहने लगा है ।
वह आरक्षण समर्थक रैलियाँ करता है
आरक्षण खत्म करने के किसी भी
विचार पर गोलियाँ चलाता है
दलित एक्ट में किसी भी बदलाव का विरोध करता है
किसी भी कीमत पर अगड़ी से
प्रतिशोध की वकालत करता है ।
रास्ते चौराहों पर मिलकर भी अब नजरें फेरने लगा है
मेरा मित्र अब मुझे ब्राह्मण कहने लगा है ।
मेरा मित्र जाति विहीन समाज की परिकल्पना पर व्याख्यान देता है
वह जातिवाद का पुरजोर विरोध करता है
लेकिन वोटों के समय जाति-आधारित राजनीति जोर-शोर से करता है
जाति-आधारित आरक्षण में किसी भी बदलाव को राजनीतिक हथकंडा कह देता है
वह इसे अगड़ी जातियों की कॉन्सपिरेसी तक करार देता है
मेरा मित्र पिछली दोस्ती को अब भूलने लगा है
मेरा मित्र मुझे अब ब्राह्मण कहने लगा है ।
‘अगड़ी के मुख पर कालिख लगाओ
सवर्ण को समाज से दूर भगाओ’
'अगड़ी को दूर भगाओ
सवर्ण से देश बचाओ'
के जैसों नारों पर तालियाँ बजाने लगा है
जब भी गरीबी को आरक्षण का आधार बनाने के विषय पर बोला
उसने हमें पिछड़ी और दलित विरोधी तक कह डाला
हम अम्बेडकर को पसन्द करें इसे वह ढोंग कहने लगा है
मेरा मित्र मुझे अब ब्राह्मण कहने लगा है ।
एक बार जिसने आरक्षण लिया बार-बार उसने और उसके परिवार ने ही लिया है
जो पहले आरक्षण नहीं पाया उसका परिवार इस लाभ से अब तक वंचित रहा है
इसलिए कहते हैं आरक्षण उस दलित या पिछड़े को दो
जिसके परिवार को अभी तक नहीं मिला है
इसलिए हमने पदोन्नति में आरक्षण का विरोध किया है
इस पर मेरा मित्र मुझसे नाराज रहने लगा है
और वह मुझे अब ब्राह्मण कहने लगा है ।
आज तक जात पता कर हमने कहीं किसी को नमस्कार करते नहीं देखा है
हमने कई गरीब ब्राह्मण को दलित अधिकारी के घर नौकरी करते देखा है
हमने गरीब अगड़ी को दलित अधिकारी के सामने सिर नवाते देखा है
इसलिये कहते हैं जिस पिछड़ी और दलित ने आरक्षण का फायदा लिया है
उनने अपना सामाजिक और आर्थिक स्तर सुधार लिया है
इसलिये आरक्षण पदोन्नति में क्यों हो
इसलिए आरक्षण पुश्त-दर- पुश्त क्यों हो
यदि हम ऐसा कहें तब से मेरा मित्र मुझसे नफरत करने लगा है
मेरा मित्र मुझे अब ब्राह्मण कहने लगा है ।
मेरा मित्र मुझसे अब कट-कट कर रहने लगा है
मेरा मित्र मुझे अब ब्राह्मण कहने लगा है ।
अमर नाथ ठाकुर ,मई 6 , 2018 , मेरठ .
मेरा मित्र मुझे अब ब्राह्मण कहने लगा है
और अब मुझसे कट-कट कर रहने लगा है ।
मेरा मित्र कायस्थ क्षत्रिय भूमिहार पर बरसने लगा है
ब्राह्मण बनियों जैनियों पर कटाक्ष करने लगा है
और इन्हें अगड़ी कहकर पुकारने लगा है ।
वह पिछड़ी को भेदभाव का शिकार कहने लगा है
दलितों पर हो रहे अत्याचार पर लिखने लगा है
मेरा मित्र मुझसे कट-कट कर रहने लगा है ।
मेरा मित्र मुझे अब ब्राह्मण कहने लगा है ।
वह कहता है, तुम अगड़ी जाति से हो
तुम सिर्फ पन्द्रह प्रतिशत वाली प्रजाति हो
कब्जा तुमने पचासी प्रतिशत सम्पत्ति और नौकरी पर कर लिये हुए हो
इसलिये मेरा मित्र हमें अब सवर्ण कहकर पुकारने लगा है
मेरा मित्र हमें घूर-घूर कर देखने लगा है
मेरा मित्र मुझे अब ब्राह्मण कहने लगा है ।
हम जातिवादी हैं हम मनुवादी हैं
हमने शताब्दियों से पिछड़ों को सताया है
युगों से दलितों पर अत्याचार बरपाया है
उनके अधिकारों को बेरहमी से छीना है
उनको निकृष्ट जीवन जीने पर विवश किया है
वह कहता है ये अब उन्हें पता चल गया है
इसलिये मेरा मित्र अब मुझसे कट-कट कर रहने लगा है
मेरा मित्र मुझे अब ब्राह्मण कहने लगा है ।
वह आरक्षण समर्थक रैलियाँ करता है
आरक्षण खत्म करने के किसी भी
विचार पर गोलियाँ चलाता है
दलित एक्ट में किसी भी बदलाव का विरोध करता है
किसी भी कीमत पर अगड़ी से
प्रतिशोध की वकालत करता है ।
रास्ते चौराहों पर मिलकर भी अब नजरें फेरने लगा है
मेरा मित्र अब मुझे ब्राह्मण कहने लगा है ।
मेरा मित्र जाति विहीन समाज की परिकल्पना पर व्याख्यान देता है
वह जातिवाद का पुरजोर विरोध करता है
लेकिन वोटों के समय जाति-आधारित राजनीति जोर-शोर से करता है
जाति-आधारित आरक्षण में किसी भी बदलाव को राजनीतिक हथकंडा कह देता है
वह इसे अगड़ी जातियों की कॉन्सपिरेसी तक करार देता है
मेरा मित्र पिछली दोस्ती को अब भूलने लगा है
मेरा मित्र मुझे अब ब्राह्मण कहने लगा है ।
‘अगड़ी के मुख पर कालिख लगाओ
सवर्ण को समाज से दूर भगाओ’
'अगड़ी को दूर भगाओ
सवर्ण से देश बचाओ'
के जैसों नारों पर तालियाँ बजाने लगा है
जब भी गरीबी को आरक्षण का आधार बनाने के विषय पर बोला
उसने हमें पिछड़ी और दलित विरोधी तक कह डाला
हम अम्बेडकर को पसन्द करें इसे वह ढोंग कहने लगा है
मेरा मित्र मुझे अब ब्राह्मण कहने लगा है ।
एक बार जिसने आरक्षण लिया बार-बार उसने और उसके परिवार ने ही लिया है
जो पहले आरक्षण नहीं पाया उसका परिवार इस लाभ से अब तक वंचित रहा है
इसलिए कहते हैं आरक्षण उस दलित या पिछड़े को दो
जिसके परिवार को अभी तक नहीं मिला है
इसलिए हमने पदोन्नति में आरक्षण का विरोध किया है
इस पर मेरा मित्र मुझसे नाराज रहने लगा है
और वह मुझे अब ब्राह्मण कहने लगा है ।
आज तक जात पता कर हमने कहीं किसी को नमस्कार करते नहीं देखा है
हमने कई गरीब ब्राह्मण को दलित अधिकारी के घर नौकरी करते देखा है
हमने गरीब अगड़ी को दलित अधिकारी के सामने सिर नवाते देखा है
इसलिये कहते हैं जिस पिछड़ी और दलित ने आरक्षण का फायदा लिया है
उनने अपना सामाजिक और आर्थिक स्तर सुधार लिया है
इसलिये आरक्षण पदोन्नति में क्यों हो
इसलिए आरक्षण पुश्त-दर- पुश्त क्यों हो
यदि हम ऐसा कहें तब से मेरा मित्र मुझसे नफरत करने लगा है
मेरा मित्र मुझे अब ब्राह्मण कहने लगा है ।
मेरा मित्र मुझसे अब कट-कट कर रहने लगा है
मेरा मित्र मुझे अब ब्राह्मण कहने लगा है ।
अमर नाथ ठाकुर ,मई 6 , 2018 , मेरठ .