नव वर्ष का शुभागमन
नव वर्ष का वंदन ।
नव कलिका नवल किसलय
नव - नवल मंजर का आभरण
नव - नवल निर्मल शीत कण
नव - नवल कुसुमित उपवन ।
नव वर्ष का शुभागमन ।
नव संगीत नवीन भजन
नव - नवीन वंशी धुन
नव ऊर्जा से सिंचित हर्षित मन ।
नव वर्ष का शुभागमन ।
शोक न दुःख न गत वर्ष का क्रंदन
नूतन आशा नवल स्फूर्ति का संचारण
नवल धवल सहस्र सूर्य - किरण
नव - नवल संकल्प से नव वर्ष का पदार्पण ।
नव वर्ष का शुभागमन ।
सत करे अब असत का अपहरण
अमृत पुत्र तू क्यों करे मृत्यु को वरण
तमस का बहिर्गमन अब ज्योति का आगमन ।
नव वर्ष का शुभागमन ।
नवल परिकल्पना से झूम-झूम, बन तू नवीन मन
तंद्रा तू त्याग तन , हे विस्फारित अकुलित नयन !
ये आहट नव वर्ष का शुभागमन ।
सब मिल करें नव वर्ष का अभिनंदन
नव वर्ष का वंदन
नव वर्ष का स्वागतम
!
नव वर्ष की शुभकामनाएँ सब को !!!!!!!!!!!!
अमर नाथ ठाकुर , 31 दिसंबर , 2014 / 1 जनवरी , 2015 , कोलकाता ।