मुझे शंका है
मैं आश्वस्त नहीं हूँ
आखिर हमारी दोस्ती की बुनियाद क्या होगी ?
अभी तक आपने अपनी जाति नहीं बतायी -
अगड़ी , पिछड़ी या दलित ?
किस राज्य के हैं आप -
उत्तर के , दक्षिण के या हैं फिर पूर्वोत्तर के ?
किस धर्म के मानने वाले हैं आप ?
मुस्लिम हैं या सिख , जैन या ईसाई
बौद्ध या फिर हैं हिन्दू सनातनी ?
कौन सी भाषा में हम बतियायेंगे-
अंग्रेज़ी , हिंदी ,गुजराती , पंजाबी , मणिपुरी में
या बंगला , तमिल तेलगू अथवा मलयालम में ?
आप शाकाहारी हैं या माँसाहारी ?
आप गो- मांस का भक्षण करते हैं
बकरे का या सूअर के मांस का ?
आप धोती , लूँगी या पतलून पहनते हैं
जालीदार टोपी , पगड़ी , पाग या पटका बाँधते हैं ?
आप आर एस एस की विचार धारा से प्रभावित हैं
या आई एस आई एस की निन्दा से घबराते हैं ?
आप मोदी भक्त हैं या केज़रीवाल के अनुचर
या हैं कट्टर काँग्रेसी या और कोई दल - बदलू सच्चर ?
क्या ये ही होंगी हमारी दोस्ती की बुनियाद ?
क्या होगी हमारी दोस्ती की बुनियाद !
भाई एक हमारा देश है और एक हमारी राष्ट्रीयता ,
क्यों न एक हमारी सोच हो क्योंकि एक जैसी हमारी विवशता ।
जब हम सब पीड़ित हैं आतंकवाद से
भ्रष्टाचार और भाई - भतीजावाद से
गरीबी , बीमारी और अशिक्षा के अवसाद से ;
शंका मिटा दें समान दुश्मनी की बुनियाद पर
और दोस्त बन जायें इस इक फ़रियाद पर ।
अमर नाथ ठाकुर , 21 जुलाई , 2016 , कोलकाता ।
मैं आश्वस्त नहीं हूँ
आखिर हमारी दोस्ती की बुनियाद क्या होगी ?
अभी तक आपने अपनी जाति नहीं बतायी -
अगड़ी , पिछड़ी या दलित ?
किस राज्य के हैं आप -
उत्तर के , दक्षिण के या हैं फिर पूर्वोत्तर के ?
किस धर्म के मानने वाले हैं आप ?
मुस्लिम हैं या सिख , जैन या ईसाई
बौद्ध या फिर हैं हिन्दू सनातनी ?
कौन सी भाषा में हम बतियायेंगे-
अंग्रेज़ी , हिंदी ,गुजराती , पंजाबी , मणिपुरी में
या बंगला , तमिल तेलगू अथवा मलयालम में ?
आप शाकाहारी हैं या माँसाहारी ?
आप गो- मांस का भक्षण करते हैं
बकरे का या सूअर के मांस का ?
आप धोती , लूँगी या पतलून पहनते हैं
जालीदार टोपी , पगड़ी , पाग या पटका बाँधते हैं ?
आप आर एस एस की विचार धारा से प्रभावित हैं
या आई एस आई एस की निन्दा से घबराते हैं ?
आप मोदी भक्त हैं या केज़रीवाल के अनुचर
या हैं कट्टर काँग्रेसी या और कोई दल - बदलू सच्चर ?
क्या ये ही होंगी हमारी दोस्ती की बुनियाद ?
क्या होगी हमारी दोस्ती की बुनियाद !
भाई एक हमारा देश है और एक हमारी राष्ट्रीयता ,
क्यों न एक हमारी सोच हो क्योंकि एक जैसी हमारी विवशता ।
जब हम सब पीड़ित हैं आतंकवाद से
भ्रष्टाचार और भाई - भतीजावाद से
गरीबी , बीमारी और अशिक्षा के अवसाद से ;
शंका मिटा दें समान दुश्मनी की बुनियाद पर
और दोस्त बन जायें इस इक फ़रियाद पर ।
अमर नाथ ठाकुर , 21 जुलाई , 2016 , कोलकाता ।