राम आ रहे हैं
जो जगत के धर्त्ता हैं
जो सबके दुःख हर्त्ता हैं
जो सबके पालन कर्त्ता हैं
वो राम आ रहे हैं ।
कोर्ट ने आदेश दिया है
इसलिए राम आ पा रहे हैं ।
राम रथ पर आएँगे
रथ भक्त खींचेंगे
कोर्ट ने कह दिया है
अब राम को आना ही पड़ेगा ।
राम रुक नहीं सकते
यह उनके सामर्थ्य में नहीं कि रुक जाएँगे
कोई ऐसा सामर्थ्यवान नहीं कि राम को रोक दें
राम को आना ही पड़ेगा
कोर्ट की मर्यादा राम की मर्यादा से ऊपर कैसे हो सकती ?
राम का सामर्थ्य राम की मर्यादा से आगे कैसे !
क्योंकि मर्यादा का भी सामर्थ्य होता है
इसलिए राम आ रहे हैं !
नाचो गाओ ख़ुशी मनाओ रे !
राम आ रहे हैं।
दीये जलाओ
पटाखे चलाओ
राम आ रहे हैं।
शासन बदलेगा
तो वो प्रतिशोध लेगा
फिर कोर्ट निर्णय बदलेगा
क्योंकि उनकी मर्यादा उतनी ही है ।
कहते हैं फिर राम का घर तोड़ेंगे
फिर राम ठठरी में विराजेंगे ।
राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं
राम को क्रोध नहीं आता
राम प्रतिशोध नहीं लेते
राम नहीं रोते ।
उनके प्रतिशोध को राम पूरा होने देंगे
यह राम की मर्यादा है।
तब दशरथ ने आदेश दिया था
और राम को वन जाना पड़ा था
अब कोर्ट ने आदेश दिया है
इसलिए राम आ रहे हैं ।
राम कोर्ट की अवमानना नहीं कर सकते
राम किसी को दुःख नहीं पहुँचाते
मर्यादा पुरुषोत्तम हैं राम ।
राम आ रहे हैं
राम को आना ही पड़ेगा ।
फिर जब व्यवस्था बदलेगी
तो फिर राम वनवास को जाएँगे
वन और पहाड़ की खाक छानेंगे ।
पूरा ब्रह्माण्ड दुःखी होगा ।
सिर्फ़ सीता माँ और लक्ष्मण भाई ही क्यों
पूरा जगत राम के साथ वन में होगा !
रावण को भी होना होगा
क्योंकि रावण के होने से मर्यादा परिभाषित होती है ।
फिर कोई निर्णय आएगा
मर्यादा वाला निर्णय ।
फिर राम आएँगे
आना ही पड़ेगा
क्योंकि राम जगत के स्वामी हैं।
मर्यादा पुरुष हैं।
राम की मर्यादा अनंत है अप्रतिम है ।
उन्हें किसी भी निर्णय को मानना ही पड़ेगा।
राम अब वाण नहीं चलाते ।
तरकश जो भरा हुआ है
और धनुष जो तना हुआ है
लेकिन हमको मालूम है
ये संहारक वाण नहीं निकालेंगे
और संहारक वाण नहीं भी चलाएँगे ।
राम को मर्यादा पसंद हैं
राम जगत के खेवनहार हैं
वह हम आपकी मर्यादा में विघ्न नहीं आने देते हैं।
वह हमें दुःखी नहीं कर सकते ।
राम का वन जाना आना लगा रहेगा
हर युग में और मर्यादा में !
ऐसे हमारे राम आ रहे हैं।
नाचो रे , गाओ रे , ख़ुशी मनाओ रे !
हमारे आपके सबके राम आ रहे हैं !
राम आ रहे हैं !
अमर नाथ ठाकुर , 9 जनवरी , 2024, कोलकाता ।