तन में राम
मन में राम
धन में राम
यत्र सर्वत्र
राम ही राम ।
घर में राम
गांव में राम
देश में राम
जहां देखो
वहां राम ।
इस गली में राम
उस कूचे में राम
झोंपड़ी में राम
महल में राम
रथ पे राम
पताके पे राम ।
चिड़ियों के कलरव में राम
वन उपवन में पुष्पों में राम
सूर्य की असंख्य रश्मियों में राम ।
हर खिलखिलाहट में राम
हर चीत्कार में राम
हर आंसू में राम ।
जटायु के राम
सुग्रीव के राम
शबरी के राम
केवट के राम
हनुमान के राम
जन जन के राम ।
ढोल मजीरे
पैजनियां में राम
शहनाई में राम
फूलों के पराग में राम
प्राती में संध्या में राम
सोहर में राम
समदौन में राम
हर राग विराग में राम ।
वसंत में राम
वर्षा में राम
चैती हो या फाग की अठखेली
सीता मां हो या सीता मां की सहेली
सबकी जिह्वा पे राम ।
विदाई में राम
मिलन में राम
नमस्ते में राम
हंसते में राम
दुःख में राम
सुख में राम
जन्म में राम
मृत्यु में राम
प्रेम में राम
विषाद में राम
कण कण में राम
क्षण क्षण में राम
जन जन में राम ।
ऊपर राम
नीचे राम
इधर राम
उधर राम
जल में राम
अग्नि में राम
दिशाओं में राम
आकाश में राम
पाताल में राम
पंच तत्व में राम।
आंखों में राम
कानों में राम
सांसों में राम
रोम रोम में राम ।
कदम कदम पे राम।
राम ही राम।
तौल में राम
गिनती में राम
जीवन की हर क्रिया में राम
जीवन के पूर्व राम
जीवन के परे राम
राम ही राम
राम मय राम।
हममें राम
तुममें राम
उसमें राम
सबमें राम
हर जीव में राम
निर्जीव में राम
नदी में राम
पहाड़ में राम
राम में भी राम ।
अयोध्या में आए राम
इसलिए अयोध्या धाम
भारत में राम
इसलिए भारत भी धाम
तन पुलकित
मन प्रफुल्लित
ठुमक चले जब राम ।
राम लला का मान
मान रख मर्यादा का राम।
रे मन ! आओ भजें राम
मर्यादा पुरुषोत्तम राम !
राम राम राम राम !
अमर नाथ ठाकुर, कोलकाता , 24 जनवरी, 2024.