Thursday, 30 September 2021

बहिरागत

 साल्ट लेक के महिष बथान में तो दो साल पहले ही आ गया था रहने के लिए , लेकिन मतदाता पहचान पत्र अभी भी अलीपुर के पते का ही है. बड़े झमेले हैं नया बनवाने में , बहुत दौड़ाते हैं . आज तो  भवानीपुर उपचुनाव के लिये वोट डाल आता हूँ . आराम से फिर नया कार्ड बनवाएँगे . 

दस  बजे न्यू रोड ,अलीपुर पहुँच गये . मतदाताओं की सहायता के लिये मतदान केन्द्र के आस-पास भी छोटे-छोटे बूथ बने होते हैं , जो वास्तव में हेल्प डेस्क होते हैं , जहाँ विभिन्न पार्टी वाले अपने समर्थक मतदाताओं को वोटर लिस्ट में नाम की क्रम संख्या बूथ संख्या के साथ बता देते हैं , इससे पोलिंग बूथ पर वोटर लिस्ट में नाम  ढूंढ़ने में कोई दिक्कत नहीं होती है . पिछले पन्द्रह सालों से हमारा बूथ अलीपुर के  इलाहाबाद बैंक ट्रेनिंग  स्कूल प्रांगण में ही होता आया है . इस प्रांगण में चार बूथ होते हैं अतः अपना बूथ नम्बर पता करके जाना ही होता है , नहीं तो पुलिस  के जवान अन्दर नहीं जाने देते हैं . हमलोग वर्धमान रोड में इस एकमात्र पार्टी बूथ पर पहले गये . वहाँ कुछ वोटर मतदाता सूची में  अपना नाम फोटो देखकर दूंढ़ रहे थे और पार्टी के लोग उन्हें उनका नाम , बूथ नंबर और मतदाता क्रम संख्या लिख कर एक प्रिंटेड पुर्जे पर दे रहे थे . इस पुर्जे पर दीदी ममता बनर्जी का फोटो छपा हुआ था . धूप छाते के बगल में एक बड़ा-सा कट आउट दीदी का लगा हुआ था , इसलिये कहने की जरा भी आवश्यकता नहीं कि ये टीएमसी का बूथ था . जैसे ही एक दो लोगों की भीड़ छंटी, हमलोग भी उनके टेबुल के एकदम नजदीक पहुँच गये , अपना -अपना नाम और पता बताया और रिक्वेस्ट किया कि हमलोगों का बूथ नम्बर और मतदाता क्रमांक बता दें . हमारे नाम के सरनेम , बँगला बोलने के लहजे से उन्होंने जरुर कुछ अनुमान लगा लिया और तुरन्त ही बता दिया कि इलाहाबाद बैंक  वाले बूथ पर इस बार न्यू रोड वाले का पोलिंग बूथ नहीं है , यह इस बार यहाँ से दूर वाले जज कोर्ट से  थोड़ी दूरी पर अवस्थित बूथ पर होगा , इसलिए उनके पास उपलब्ध लिस्ट में हमलोगों का नाम नहीं है . उन लोगों ने कहा इस बार मतदाता सूची में खूब काट-छाँट और फेर- बदल हुआ है और बूथ नम्बर में भी खूब बदलाव हुआ है , इधर से उधर खूब किया गया है . 

हमलोगों को भरोसा करना था क्योंकि हमलोग अपना पहचान पत्र लेकर चल पड़े थे वोट गिराने इन्हीं लोगों के भरोसे कि ये लोग हमें सारी जानकारी दे देंगे . अपने मतदाताओं की सहायता के लिये और उससे अपनी पार्टी के पक्ष में वोट की आशा में विभिन्न पार्टी वाले पोलिंग बूथ के आस-पास इस तरह का हेल्प डेस्क जरुर लगाते हैं . वारिश के बाद वाली धूप बड़ी तेज मालूम पड़ रही थी और पसीने की बूँदें ललाट पर छलकने लग पड़ी थी . मेरे लड़के ने कहा छोड़ो , अब इतनी दूर पैदल कौन जाय , लौट चलें वोट बिना गिराये हुये. मेरा मन नहीं मान रहा था . हम २०-२१ किलोमीटर दूर से गये थे , अतः ये श्रम हम जाया नहीं जाने देना चाह रहे थे . हम ने कहा मुश्किल से एक किलोमीटर दूर भी नहीं होगा हमलोग पैदल चलेंगे और रवाना हो गये  अगले बूथ की खोज में . कुछ ही कदम चलने के बाद हमलोगों ने सोचा कि बूथ की जानकारी तो आजकल ऑनलाइन भी उपलब्ध होती है इसलिये इलेक्शन कमीशन के वेबसाइट पर क्यों न चेक कर लें. स्मार्ट मोबाइल साथ में था . हम दोनों ने गूगल पर सर्च शुरू किया . गूगल से इलेक्शन कमीशन के साईट पर पहुँच मेरे लड़के ने अपना नाम , बूथ नम्बर और मतदाता क्रमांक पता सहित ढूँढ लिया , फिर मेरा भी ढूँढ़ लिया . बूथ नम्बर में इस बार भी कोई परिवर्त्तन नहीं हुआ था . यह बिलकुल वही था जो अप्रैल महीने के चुनाव के वक्त था . हमलोग गये इलाहाबाद बैंक ट्रेनिंग स्कूल के प्रांगण से , जहाँ कोई भी भीड़ नहीं थी , कोई भी क्यू नहीं, कुछ ही मिनटों में अपना मतदान करके आ गये . 

न्यू रोड जाने के रास्ते में वर्धमान रोड से उसी पार्टी के बूथ के पास से पुनः गुजर रहे थे . वहाँ पार्टी के वही दो भद्र जन बैठे थे . उन्होंने हम दोनों को देख कर भी नहीं देखने का बहाना किया , लेकिन हम लगातार उनकी आँखों में देखते रहे , और अन्ततः हमने उनसे अपनी नजर मिला ही ली . हमने बायें हाथ की तर्जनी उनकी तरफ बढ़ा दी . नाखून पर  काली इंक देखकर उन्होंने कहा, " भोट गेरा दिया ." 

हमने कहा , "दादा , हम दोनों ने भोट गेरा दिया ."  कुछ रूककर हमने कहा , "बूथ तो वही है , कोई चेंज नहीं हुआ है . आप लोगों ने हमें गलत क्यों बताया ?" 

पार्टी के बूथ पर कुर्सी की दोनों बाजुओं के बीच  रंग बिरंगे धूप छाते के नीचे ममता दीदी के बड़े कट आउट  की साया में बैठे निर्लज्ज दोनों भद्र लोक सर हिलाते हुए बिना किसी अचरज के अपनी पैनी नजर से हमें देखते रहे . वो कुछ नहीं बोले . हमने कहा , "दादा भाई आम्रा बुझे ग्याछि , आपनारा ठीक ही बुझे छेन, आम्रा बहिरागत ." (दादा भाई , हमलोग आपको समझ गये , आप दोनों ने हमदोनों के लिए ठीक ही अनुमान किया था, हमलोग सही में बहिरागत हैं .)

भवानीपुर विधान सभा उपचुनाव के लिये टीएमसी की मुख्य प्रतिद्वंद्वी बीजेपी की प्रियंका टिबरेवाल है, जो गैर बंगाली महिला है , और इस चुनाव क्षेत्र में बहुत बड़ी संख्या गैर बंगाली मतदाताओं की भी है. दशकों से बंगाल में रह रहे ये सब एक झटके में बहिरागत की श्रेणी में चुनाव के समय में आ जाते हैं.


अमर नाथ ठाकुर , ३० सितम्बर , २०२१ , कोलकाता .

मैं हर पल जन्म नया लेता हूँ

 मैं हर पल जन्म लेता हूँ हर पल कुछ नया पाता हूँ हर पल कुछ नया खोता हूँ हर क्षण मृत्यु को वरण होता हूँ  मृत्यु के पहले जन्म का तय होना  मृत्य...