-१-
लूट की फसल
लहलहाती है
जब इसमें रिश्वत की खाद डलती है
लूटेरों और रिश्वतखोरों की चलती है
मेहनती और ईमानदार प्रजा सिर्फ हाथ मलती है .
-२-
कमाल करे यह
रिश्वत
मंत्री , अधिकारी सब दण्डवत
फिर चले लूट
अनवरत
जनता फिरती बन मूकदर्शक .
-३-
कोयला आवंटन हो या प्रमोशन का रेल
टू जी फोन
हो या राष्ट्रमंडल खेल
हेलिकोप्टर डील हो या अम्बानी का तेल
हलाल करे सबको यह लूट-रिश्वत का मेल.
-४-
लूट का निमंत्रण मिले , मिले जब कमीशन
इस युगल का , भाई अटूट
गठबंधन
साथ-साथ बंधी होती
इनकी खूंट
मेहनत , ईमान सब इनके
सामने झूठ .
-५-
मौन है मोहन , भ्रष्ट बनी सरकार
भारत अब लूट-कमीशन का बाज़ार
तंत्र छिन्न हुई , व्यवस्था तार-तार
लाचार प्रजा रोए दिन-रात जार-जार .
-६-
माना , ये रिश्वत अजर-अमर है,
जीवन लूट भर का सफर है .
अबकी यही शाश्वत
खबर है
शेष सब क्षणिक
लहर है .
अमर नाथ ठाकुर , १९ मई , २०१३ , कोलकाता.
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