हम वही किया करते हैं जिसके दूसरों के द्वारा किये जाने पर हम दूसरों की घोर आलोचना किया करते हैं .
हम वही बोलते हैं जिसके दूसरों के द्वारा बोले जाने पर हम दूसरों पर नाक -भौं सिकोड़ते हैं .
हम वही गाते हैं जो दूसरों के द्वारा गाये जाने पर हममें झल्लाहट पैदा करती है .
ज़रा सोचिये ऐसा करने , बोलने एवं गाये जाने पर दूसरों की हमारे ऊपर क्या प्रतिक्रिया होती होगी .
अतः कुछ भी करने , बोलने अथवा गाने के पहले हम आत्म -चिन्तन क्यों न कर लिया करें कि इसके करने से दूसरे असुविधा तो महसूस नहीं करेंगे .
Gandhian Talisman से प्रेरित यह तरीका वो जादुई तराजू/लगाम है जो हमारे व्यवहार एवं आचरण को संतुलित/ नियंत्रित करेगा .
अमरनाथ ठाकुर , 22 मई , 2011.
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